Yaadon Ki Mitti

Kyun zubaan thithak jaati hai meri ru-ba-ru unke mujhe kya maalum
Kitna kuchh kehne ko hai mere dil mein unhein kya maalum!

यादों की मिट्टी

क्यूं ज़ुबां ठिठक जाती है मेरी रू-ब-रू उनके मुझे क्या मालूम
कितना कुछ कहने को है मेरे दिल में उन्हें क्या मालूम!