वो एक पल अकेला
जो संग हमारे चल रहा
बस वही पल अपना है
उसके सिवा कुछ भी नहीं!
वो एक पल बीता हुआ
जो गुज़र चुका कभी का
तो साथ अपने ले गया
जो उसको ले कर जाना था!
आने वाला वो एक पल
जिसे अभी देखा नहीं
जाने क्या ले कर आएगा
और साथ क्या ले जाएगा!
फिर क्यों ग़म करें हम
गुज़र चुके बीते पल का
और क्या फ़िक्र करें हम
अनदेखे आते पल का!
एक-एक पल कर के यूं ही
वक़्त गुज़रता जाएगा
मुट्ठी कितनी भींच लें हम
हाथ में कुछ ना आएगा!
आख़िर में बस एक ही पल
पास हमारे रह जाएगा
और शायद अफ़सोस भी
के ज़िंदगी जी ही नहीं!
क्यूं ना फिर जी लें जी भर
नन्हे से इस एक पल को
क्या पता के अगला पल
जीवन में आए ना आए!
ख़्वाहिशों की भीड़ से
निकल के देखो ज़रा
वक़्त के दरिया से छलकते
हर एक पल में जीवन है
हर पल में भरी है ज़िंदगी!
© गगन दीप
जो संग हमारे चल रहा
बस वही पल अपना है
उसके सिवा कुछ भी नहीं!
वो एक पल बीता हुआ
जो गुज़र चुका कभी का
तो साथ अपने ले गया
जो उसको ले कर जाना था!
आने वाला वो एक पल
जिसे अभी देखा नहीं
जाने क्या ले कर आएगा
और साथ क्या ले जाएगा!
फिर क्यों ग़म करें हम
गुज़र चुके बीते पल का
और क्या फ़िक्र करें हम
अनदेखे आते पल का!
एक-एक पल कर के यूं ही
वक़्त गुज़रता जाएगा
मुट्ठी कितनी भींच लें हम
हाथ में कुछ ना आएगा!
आख़िर में बस एक ही पल
पास हमारे रह जाएगा
और शायद अफ़सोस भी
के ज़िंदगी जी ही नहीं!
क्यूं ना फिर जी लें जी भर
नन्हे से इस एक पल को
क्या पता के अगला पल
जीवन में आए ना आए!
ख़्वाहिशों की भीड़ से
निकल के देखो ज़रा
वक़्त के दरिया से छलकते
हर एक पल में जीवन है
हर पल में भरी है ज़िंदगी!
© गगन दीप
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